भरतनाट्यम या चधिर अट्टम मुख्य रूप से दक्षिण भार की शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र पर आधारित हे। वर्तमान में इस नृत्य शैली का अभ्यास मुख्य रूप से महिलाएं करती हेा। भरतनाट्यम को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है। भरतनाट्यम में नृत्य के तीन मूलभूत तत्वों को कुशलतापूर्वक शामिल किया गया हे। पहला है भाव तथा मन: स्थिति दूसरा है राग अथवा संगीत और तीसरा है ताल। भरतनाट्यम अनुदादी है जिसमें नर्तक को बहुत मेहनत करनी होती है। इस नृत्य की तकनीक में हाथ , पैर , मुख्य व शरीर के संचालन के समन्वयन के 64 सिद्धांत हेा , जिनका निष्पादन नृत्य पाठ्यक्रम के साथ किया जाता हे। इस नृत्य में जीवन के तीन मूल तत्व-दर्शन शास्त्र , धर्म व विज्ञान हैं। भरतनाट्यम , नृत्य और अभिनय दो अंशो में सम्पन्न होता है। इसकी शरीरिक क्रियाओं को समभंग , अभंग और त्रिभंग तीन भागों में बांटा जाता है। नृत्य शरीर के अंगों से उत्पन्न होता है इसमें रस , भाव और काल्पनीक अभिव्यक्ति जरूरी है।
knowledgeable - A blog by Shivam Lotusway
I am Shivam Lotusway and this is my Blog. I post about English Poems, English Stories, Hindi poems, Hindi Stories, MP Board Class 12th, 10th Solutions, CBSE Solutions, University Courses, Youtube Videos and Gernal Knowledge and Much more.