बिहार की नहरें
बिहार में कृषि योग्य पर्याप्त भूमि होने के
बावजूद कृषि का स्तर सामान्य है। पूर्वी भाग में तो वर्षा हो जाती है , किन्तु
पश्चिमी भाग में वर्षा का स्तर न्यून ही है। इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहरों
पर निर्भरता अधिक है। यहां भी बहुत - सी नहरें हैं। यदि सोन नहर की बात की जाए तो
इस नहर का निर्माण सोन नदी के जल से किया गया है। इस नहर की दो शाखाएं हैं- पूर्वी
और पश्चिमी। सोन नहर की पूर्वी शाखा वारुन से निकाली गयी है। इस शाखा द्वारा
औरंगाबाद , गया और पटना
जिलों की सिंचाई होती है।
बिहार की ही एक अन्य नहर त्रिवेणी नहर भी है।
इस नहर का निर्माण गण्डक नदी के जल से किया गया है। यह नहर त्रिवेणी ( नेपाल की
सीमा के समीप ) से निकाली गई है। इस नहर से बेतिया जिले की भूमि की सिंचाई की जाती
है । इसी तरह ढाका और तेऊर नहरों की बात की जाए तो इन नहरों का निर्माण चम्पारण
जिले के लालवाकिया और तेऊर नदियों के जल से किया गया है। इस नहर से चम्पारण के
उत्तरी - पूर्वी भाग की भूमि की सिंचाई की ' जाती
है। कमला नहर का निर्माण कमला नदी पर किया गया है।
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