गुलाब
गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। हमारे सामान्य जीवन
में भी हम हमारी भावनाओं को व्यकत करने के लिए इसका प्रयोग करते है। यह एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है। जिसमें बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते
हैं।
इसकी 100 से अधिक जातियां हैं।
जिनमें से अधिकांश एशियाई मूल की हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी
पश्चिमी अफ्रीका भी हैं। कश्मीर भूटान में जंगली पीले गुलाब बहुत मिलते है।
गुलाब की कलम ही लगाई जाती
है। सफेद फूल वाले गुलाब को सेवती कहते हैं। ऋतु में, जबकि चैती गुलाब केवल बसंत
ऋतु में खिलता हैं। सुगंधित चैती गुलाब इत्र व दवा के काम लिए जाते हैं। गुलाब से बनने
वाले इत्र के बारें में कहा जाता है कि 1612 ईस्वी में नूरजहां ने अपने विवाह के अवसर
पर इसका उपयोग किया था। कहा जाता है कि चौदहवीं शताब्दी में गुजरात में सत्तर प्रकार
के गुलाब लगाए जाते थे।
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