सल्तनतकालीन है यह नहर
भारत में स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद नहरों का सवार्धिक विकास
पंजाब तथा हिरयाणा में ही हुआ था। इन राज्यों की प्रमुख नहरों में पश्चिमी यमुना
नहर मुख्य है। इस नहर का निर्माण यमुना नदी के जल से किया गया है। मूल रूप से
इसका निर्माण सल्तनतकालीन तुगलक शासक फिरोजशाह ने 14वीं शताब्दी में करवाया था। 17वीं
शताब्दी में शेरशाह सूरी ने और 1886 में ब्रिटिश शासन के दौरान नहर का पुननिर्माण
किया गया। यह नहर ताजेवाला (अम्बाला जिले के समीप) से निकाली गई।
इस नहर की कुल लम्बाई 3040 किलोमिटर है, इस नहर से करनाल और हिसार (हरियाणा) तथा पटियाला (पंजाब) के साथ
दिल्ली और राजस्थान में सिंचाई की व्यवस्था की गई। सरहिन्द नहर भी पंजाब और
हरियााण की है। इस नहर का निर्माण सतलज नदी के जल के किया गया है। यह नहर रोपड़
(अम्बाला) से निकाली गई। इस नहर की कुल लम्बाई 6000 किलोमिटर है। (शाखाओं सहित)
इस नहर से हिसार तथा पटियाला लुधियाना और फिरोजपुर जिलों में सिंचाई की व्यवस्था
की गई।
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